पृथ्वी (Prithvi) = Earth
Category: planet
Sub Category: Celestical body
पृथ्वी (संज्ञा) स्त्रीलिंग
1. सौर जगत् का वह ग्रह जिसपर हम सब लोग रहते हैं । वह लोकपिंड जिसपर हम मनुष्य आदि प्राणी रहते हैं । विशेष— सौर जगत् में यह ग्रह दूरी के विचार से सूर्य से तीसरा ग्रह हैं । (सूर्य और पृथ्वी के बीच मनें बुध और शुक्र ये दो ग्रह और हैं । ) । इसकी परिधि लगभग 25000 मील और व्यास लगभग 8000 मील है । इसका आकार नारंगी के समान गोल है और इसके दोनों सिरे जिन्हें ध्रुव कहते हैं कुछ चिपटे हैं । यह दिन रात में एक बार अपने अक्ष पर घूमती है और 365 दिन 6 घंटे 9 मिनट अर्थात् एक सौर वर्ष में एक बार सूर्य की परिक्रमा करती है । सूर्य से यह 9, 30, ॰॰,॰॰0 मील की दूरी पर है । जल के मान से इसका घनत्व
5. 6 है । इसके अपने अक्ष पर घूमने के कारण दिन और रात होते हैं और सूर्य की परिक्रमा करने के कारण ऋतुपरिवर्तन होता है । कुछ वैज्ञानिकों का मत है कि इसका भीतरी भाग भी प्रायः ऊपरी भाग की तरह ही ठोस है । पर अधिकांश लोग यही मानते हैं कि इसके अंदर बहुत अधिक जलता हुआ तरल पदार्थ है जिसके ऊपर यह ठोस पपड़ी उसी प्रकार है जिस प्रकार दूध के ऊपर मलाई रहती है । इसके अंदर की गरमी बराबर कम होती जाती है जिससे इसके ऊपरी भाग का घनत्व बढ़ता जाता है । इसमें पाँच महाद्वीप और पाँच महासमुद्र हैं । प्रत्येक महाद्वीप में अनेक देश और अनेक प्राय- द्वीप आदि हैं । समुद्रों में दो बड़े और अनेक छोटे छोटे द्वीप तथा द्वीपपुंज भी हैं । आधुनिक विज्ञान के अनुसार सारे सौर जहत् का उपादान पहले सूक्ष्म ज्वलंत नीहारिका के रूप में या । नीहारिका मंड़ल के अत्यंत वेग घूमने से उसके कुछ अंश अलग हो होकर मध्यस्थ द्रव्य की परिक्रमा करने लगे । ये ही पृथक् हुए अंश पृथ्वी, मगल, बुध आदि ग्रह है जो सूर्य (मध्यस्थ द्रव्य) की परिक्रमा कर रहे हैं । ज्वलंत वायुरूप पदार्थ ठंढा होकर तरल ज्वलंत द्रव्य रूप में आया, फिर ज्यों ज्यों और ठंढा होता गया उसपर ठोस पपड़ी जमती गई । उपनिषदों के अनुसार परमात्मा से पहले आकाश की उत्पत्ति हुई, आकाश से वायु, वायु से अग्नि, से जल और जल से पृथ्वी उत्पन्न हुई । मनु के अनुसार महत्तत्व, अहंकार तत्व और पचतन्मात्राओं से इस जगत की सृष्ठि हुई है । प्रायः इसी से मिलता जुलता सृष्टि की उत्पत्ति का क्रम कई पुराणों आदि में भी पाया जाता है । (विशेष— दे॰ सृष्टि) । इसके अतिरिक्त पुर
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Prithvi meaning in Gujarati: પૃથ્વી
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Prithvi meaning in Marathi: पृथ्वी
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Prithvi meaning in Bengali: পৃথিবী
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Prithvi meaning in Telugu: భూమి
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Prithvi meaning in Tamil: பூமி
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